MP Ke Shahitykaron Ke Naam

दोस्तों इस पोस्ट में हम MP Ke Shahitykaron Ke Naam के बारें में जानेंगे, जो की किस भी प्रतियोगी परीक्षा में पूछे जा सकने वाले सवालों के जवाब आप आसानी से दे पाएं मध्य प्रदेश प्राचीन काल से ही भारतीय कला एवं साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है मध्यप्रदेश ने ऐसे कला एवं साहित्य के धनि व्यक्तियों की जन्मस्थली रहा है.

MP Ke Shahitykaron को तीन काल खण्डों में बाटा गया है

1 प्रचीनकाल
2 मध्यकाल
3 आधुनिककाल

प्राचीनकाल के साहित्यकार

कालिदास :- कालिदास चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के दरबार में कवि थे। इनकी प्रमुख रचनाएँ- कुमारसंभवम्, अभिज्ञानशाकुंतलम्, मालविकाग्निमित्रम्, विक्रमोवर्शीयम्, मेघदूतम्, रघुवंशम्, ऋतुसंहारम् । कालिदास को भारत का शेक्सपियर कहा जाता है।

महाकवि कालिदास के बारें में विस्तृत जानकारी के लिए क्लिक करें 

बाणभट्ट :- ये कन्नौज के शासक हर्षवर्धन के दरबारी कवि थे। इनकी प्रमुख रचनायें हर्षचरित और कादम्बरी, चण्डी शतक, पार्वती परिणय हैं।

भृर्तहरि :- यह उज्जैन के राजा थे। इनकी रचनायें श्रृंगार शतक, वैराग्य शतक और नीतिशतक हैं। कर्मक्षेत्र उ.प्र. (चूनार)

भवभूति : ये कन्नौज के राजा यशोवर्मा के दरबारी कवि थे। इन्होनें संस्कृत भाषा में तीन नाटक लिखे- महावीर चरित, मालती माधव, उत्तररामचरित ।

मध्यकाल के साहित्यकार

केशवदास :- ये ओरछा के राजा के दरबारी कवि थे । इन्होनें रामचन्द्रिका, रसिकप्रिया, कविप्रिया, विज्ञानगीता पुस्तके लिखी ।

पदमाकर :- इनका जन्म सागर में हुआ था । इनकी प्रमुख रचनाएँ जगत विनोद, प्रबोध पचासा, अलीजाह प्रकाश पद्माभरण हैं। इन्हें सरक्षण प्राप्त था जैनपुरा, सुगरा शासक तथा जयपुर के प्रतापसिंह व ग्वालियर के दौलतराव सिंधिया जी का ।

भूषण :- ये शिवाजी और बुंदेलखण्ड के राजा छत्रसाल के दरबारी कवि थे। इनकी प्रमुख रचनायें शिवाबावनी, शिवराज भूषण, छत्रसाल दशक हैं।

आधुनिककाल के साहित्यकार

माखनलाल चतुर्वेदी : – इनका जन्म होशंगाबाद जिले के बावई ग्राम ( 1889 ) में हुआ था। इन्होनें ‘प्रभा’ और ‘कर्मवीर’ समाचार पत्रों का संपादन किया ।
इनकी प्रमुख रचनायें हिमकिरिटनी, हिमतंरगिणी, माता, समर्पण, युगचरण हैं। इनको भारतीय आत्मा कहा जाता है।

सुभद्रा कुमारी चौहान :- इनका जन्म प्रयाग में हुआ था। इनका विवाह म.प्र. के खण्डवा निवासी ठाकुर लक्ष्मण सिंह के साथ हुआ था। इनकी प्रमुख रचनायें
त्रिधारा, मुकुल, विखरें मोती, सीधे-सादे चित्र, झाँसी की रानी। इन्हें दो बार सेक्सरिया पुरस्कार मिला ।

गजानन माधव मुक्ति बोध :- इनका जन्म श्योपुर (1917) में हुआ था। इनकी प्रमुख रचनायें हैं- चाँद का मुँह टेढा, काठ का सपना, भारतीय संस्कृति व इतिहास |

बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ :- इनका जन्म शाजापुर जिलें के भयाना गाँव (1898) में हुआ था। इनकी रचनायें- उर्मिला, अपलक, कुमकुम, रश्मि रेखा, हम विषपायी जन्म के ।

भवानी प्रसाद मिश्र :- इनका जन्म होशंगाबाद जिलें के टिगरिया गाँव में हुआ था । इन्होनें ‘कल्पना’ नामक पत्रिका का संपादन किया।
रचनायें- गीतफरोश, चकित है दुख, बुनी हुई रस्सी, गांधी पंचशती, खुशबू के शिलालेख ।

हरिशंकर परसाई :- इनका जन्म होशंगाबाद जिले के जमानी गाँव में हुआ था। इन्होनें ‘वसुधा’ (जबलपुर) तथा कल्पना मासिक पत्रिका का संपादन किया।
रचनायें – हंसते हैं रोते हैं, कैसे उनके दिन फिरे, पग डंडियों का जमाना, तब की बात ओर थी, भूत के पाँव पीछे, ठिठुरता हुआ गणतंत्र, तट की खोज, सदाचार का ताबीज ।

शरद जोशी :- इनका जन्म उज्जैन ( 1931 ) में हुआ था। इन्होनें ‘नवभारत टाईम्स’ समाचार पत्र में लेखन कार्य किया।
इनकी गद्य रचनाएँ परिक्रमा, किसी बहाने, जीप पर सवार इल्लियाँ, रहा किनारे बैठ, दूसरी सतह, प्रतिदिन(3 खण्ड), यथासंभव, यथासमय, यत्र-तत्र-सर्वत्र, नावक के तीर, मुद्रिका रहस्य, हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे, झरता नीम शाश्वत थीम, जादू की सरकार, पिछले दिनों, राग भोपाली, नदी में खड़ा कवि, घाव करे गंभीर, मेरी श्रेष्ठ व्यंग रचनाएँ, शारद जोशी ने दो व्यंग्य नाटक भी लिखे हैं अंधों का हाथी, एक था गधा उर्फ अलादाद खाँ और उपन्यास’ मैं, मैं और केवल मैं उर्फ़ कमलमुख बीए…….

टीवी धारावाहिक : यह जो है जिंदगी, मालगुड़ी डेज, विक्रम और बेताल, सिंहासन बत्तीसी, वाह जनाब, दाने अनार के, यह दुनिया गज़ब की, लापतागंज,
और फिल्मी सम्वाद क्षितिज, गोधूलि, उत्सव, उड़ान, चोरनी, साँच को आँच नहीं, दिल है कि मानता नहीं

डॉ वसीर :- ये देश के जाने माने शायर है। इनका जन्म भोपाल में हुआ।
रचनायें- हिंदी तुम्हारे लिये, कौंच

बालकवि वैरागी :- मंदसौर में जन्में वैरागी जी की रचिनाओं ने विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं तथा आकाशवाणी में विशेष स्थान पाया है। ये प्रसिद्ध गीतकार भी हैं।
रचनायें- दरद दीवानी, जूझ रहा हैं हिंदुस्तान, सरपंच, ललकार, गौरव गीत ।

शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ :- ये उज्जैन के विक्रम वि. वि. के कुलपति थे।
रचनायें – प्रलय, मिट्टी की बारात

मुल्ला रमूजी :- भोपाल में जन्में मुल्ला रमूजी को गुलावी उर्दू का जन्मदाता माना जाता हैं।

मेहरून्निसा परवेज :- वे एक बहुप्रशंसित कहानीकार एवं उपन्यासकार है। रचनाऐं आँखों की देहलीज, आदम और हब्बा, अकेला पलाश, अन्तिम पढ़ाई,

अशोक वाजपेयी :- प्रशासनिक सेवा के उच्च अधिकारी, अशोक वाजपेयी ने हिन्दी और अंग्रेजी में उत्कृष्ट साहित्य सृजन किया है।

दुष्यंत कुमार :- साये में धूप

निशार अख्तर :- खामोश आवाज

मध्य प्रदेश का इतिहास एवं प्रमुख राजवंश के लिए क्लिक करें

मध्य प्रदेश जानेमाने लोक कवि 

जगनिक :- ये बुंदेलखण्ड के राजा परमदेव के दरवारी कवि थें। इन्होंने आल्हाखण्ड पुस्तक लिखी, ये बुंदेली लोककवि थे।

ईसुरी :- रचनायें प्रकाश । (बुन्देलखण्ड)
ईसुरी की फागें, ईसुरी

सिंगाजी :- इनका जन्म 1574 बडवानी खजूरी ग्राम में हुआ था, ये कबीर के समकालीन थे। ये निमाडी भाषा के प्रमुख साहित्यकर थे। इन्होनें 11 हजार के लगभग
भजन लिखे थे।

घाघ :- मुगल बादशाह अकबर के समकालीन थे आपको ‘चौथरी की उपाथि’ अकबर ने प्रधान की थी।

 

Conclusion
मध्यप्रदेश कला का धनि प्रदेश है, प्रदेश ने देश को अनेकों सहतियकार और कवी दिए हैं , MPPSC या अन्य प्रतियोगी परीक्षा में इनसे समन्धित जानकारी प्रश्नो के माध्यम से पूछे जाते है, आशा है आपको ये पोस्ट पसंद आया होगा

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FAQS
Q- MP Ke Shahitykaron को कितने कालों में बाटा गया है
Ans – MP Ke Shahitykaron को तीन काल खण्डों में बाटा गया है
1 प्रचीनकाल
2 मध्यकाल
3 आधुनिककाल

Q- कालिदास के प्रमुख रचनाएँ कौन सी है
Ans : इनकी प्रमुख रचनाएँ- कुमारसंभवम्, अभिज्ञानशाकुंतलम्, मालविकाग्निमित्रम्, विक्रमोवर्शीयम्, मेघदूतम्, रघुवंशम्, ऋतुसंहारम् ।

Q – किस साहित्यकार को भारत का शेक्सपियर कहा जाता है?
Ans – कालिदास को भारत का शेक्सपियर कहा जाता है।

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