MPPSC Pre की Strategy कैसी होनी चाहिए ?

प्रारंभिक परीक्षा के प्रथम प्रश्नपत्र में दो तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं, एक तो सामान्य अध्ययन के परंपरागत खंडों से और दूसरे, समसामयिक घटनाक्रमों से| परंपरागत खंडों से पूछे जाने वाले प्रश्न मुख्यतः भारत के इतिहास और स्वाधीनता आंदोलन; भारतीय संविधान व राजव्यवस्था; भारत और विश्व का भूगोल; पारिस्थितिकी, पर्यावरण और जैव विविधता; भारतीय अर्थव्यवस्था, आर्थिक और सामाजिक विकास; सामान्य विज्ञान से संबंधित होते हैं। साथ ही, इस प्रश्नपत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के समसामयिक घटनाक्रमों से संबंधित प्रश्न भी पूछे जाते हैं

भारत का इतिहास और स्वाधीनता आंदोलन

  • भारतीय इतिहास खंड का न सिर्फ प्रारंभिक परीक्षा में बल्कि मुख्य परीक्षा में भी खासा महत्त्व होता है। चूँकि इतिहास का पाठ्यक्रम अत्यंत विस्तृत है, इसलिये इसे पूरी तरह से पढ़ पाना और तथ्यों एवं अवधारणाओं को याद रख पाना आसान कार्य नहीं है। परंतु, विगत वर्षों में इस खंड से पूछे गए प्रश्नों का अवलोकन किया जाए, तो स्वतः ही स्पष्ट हो जाता है किन उपखंडों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है और किन पर कम।
  • ध्यातव्य है कि प्रारंभिक परीक्षा में पिछले छह वर्षों में इस खंड से औसतन 17 प्रश्न पूछे गए हैं और आगे भी कम-से-कम इतने ही प्रश्न पूछे जाने की संभावना है। 
  • आधुनिक भारतीय इतिहास विशेषकर स्वतंत्रता आंदोलन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि आज भी सर्वाधिक प्रश्न इसी खंड से पूछे जाते हैं।
  • कला एवं संस्कृति का क्षेत्र भी प्रारंभिक परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इस खंड से न केवल प्रारंभिक परीक्षा बल्कि मुख्य परीक्षा में भी ठीक-ठाक संख्या में प्रश्न पूछे जाते हैं। खासतौर पर स्थापत्य कला, मूर्तिकला, नृत्य-नाटक, संगीत कला, भक्ति दर्शन, भाषा और लिपि इत्यादि।
  • मध्यकालीन भारतीय इतिहास को समय रहते पढ़ लेना चाहिये क्योंकि इससे संबंधित प्रश्नों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
  • समय रहने पर अगर प्राचीन भारत के कुछ महत्त्वपूर्ण खंडों, यथा- बुद्ध, महावीर, हड़प्पा सभ्यता, वैदिक संस्कृति, मौर्य काल तथा गुप्तकालीन सामाजिक व्यवस्था आदि का अध्ययन कर लिया जाए तो आसानी से दो-तीन प्रश्नों की बढ़त ली जा सकती है।

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