MP Ke Sambhag Evam Jile
1 नवंबर 1956 को 43 जिले थे मई 1998, 10 जिले और जुलाई 1998, 6 जिले गठित किया गया । MP Ke Sambhag Evam Jile की जानकारी रखना अत्यंत आवश्यक है अगर आप MPPSC या मध्यप्रदेश की किसी भी प्रतियोगी परिखा में शामिल होने जा रहे है तो, आइये मप के संभाग एवं जिलों के बारें विस्तृत पोस्ट पड़ते हैं. 1998 में बड़े जिलों से 16 नए जिले बनाए गए जिनसे मध्यप्रदेश में कुल जिलों की संख्या 61 हो गई। 45+16=61 जिनमें से 16 जो नए जिले बनाए थे उनमें से 7 जिले वर्तमान में मध्यप्रदेश में है। 2000 में मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ को अलग राज्य बनाया गया और 16 जिले इस राज्य में दिए गए इस प्रकार मध्यप्रदेश में जिलों कि संख्या पुनः 45 हो गई। मध्यप्रदेश मे वर्तमान में कुल 52 जिले और 10 संभाग है। तथा 3 अन्य जिले प्रस्तावित है।
सतना जिला
- चित्रकूट, मैहर इसी जिले में है। इन्हें म.प्र. शासन ने पवित्र नगर घोषित किया है। चित्रकूट का गधा मेला विख्यात है।
- सतना में सीमेन्ट एवं बीड़ी उद्योग प्रचलित है। चित्रकूट महात्मा गाँधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय यहीं हैं। जिसके संस्थापक नानाजी देशमुख हैं।
- स्फटिक शिला चित्रकूट में राम के पद चिन्ह है। भूमरा एवं खोह में गुप्तकालीन मंदिर है। सती अनुसुईया व अत्रि ऋषि का आश्रम है।
- चित्रकूट में ब्रह्मा, विष्णु, महेश ने बाल अवतार लिया था। यहाँ मंदाकिनी नदी व गुप्त गोदावरी है। मैहर में शारदा देवी का मंदिर है। चित्रकूट में राम ने वनवास का समय बिताया था। उस्ताद अलाउद्दीन खाँ की कर्मस्थली है। भरहुत स्तूप सतना की खोज अलेक्जेंडर कनिंघम ने की।
शहडोल संभाग
- शहडोल, उमरिया, डिण्डोरी, अनूपपुर जिला
- सोहागपुर कोयला क्षेत्र प्रदेश का सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र है। ओरिएंट पेपर मिल अलाई में है। देश की पहली किन्नर विधायक शबनम मौसी सोहागपुर से निर्वाचित हुई थी ।
रीवा संभाग
- रीवा, सीधी, सिंगरौली रीवा जिला सतना, सफेद शेरों की भूमि व पूर्व विंध्यप्रदेश की राजधानी, म. प्र. का सबसे ऊँचा जल प्रपात चचाई बीहड़ नदी पर है।
- यहाँ महामृत्युंजय का मेला लगता है। जिप्सम, हरसौठ, चूना पत्थर एवं बॉक्साइट उत्खनित किया जाता है। बीहड़ नदी में केवटी, बहूटी, जल प्रपात है।
- मध्य प्रदेश का एक मात्र सैनिक स्कूल यहीं है। अवधेश प्रपात सिंह विश्वविद्यालय रीवा में है । आम अनुसंधान केन्द्र गोविन्दगढ़ में है।
- पुलिस वाहन प्रशिक्षणशाला गोविन्दगढ़ में तथा पुलिस मोटर वर्कशाप, रीवा में है। यहाँ पर सुपारी के खिलौने बनते हैं। ट्रोन्स जल विद्युत सिरमौर में है। ( 315 मे.वा.)
- त्यौंथर पुरातात्विक स्थल है।
- उद्योगों में यहाँ सीमेंट उद्योग तथा कत्था उद्योग है।
- डोलोमाइट व गेरू खनिज कोरण्डम मिलता है।
- बाणसागर परियोजना का मुख्यालय रीवा में है।
सीधी जिला
- सीधी जिला भारत के मध्य प्रदेश राज्य के आदिवासी जिलों में से एक है। सीधी एक शहर और नगरपालिका है, यह सीधी जिले का मुख्यालय है। यह जिला, रीवा संभाग का हिस्सा है। सीधी जिला मध्य प्रदेश राज्य के गौरवपूर्ण इतिहास का प्रतिबिंब है
- यह राज्य की उत्तर-पूर्वी सीमा बनाता है। सीधी जिला प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक इतिहास का भंडार है। यह जिला कलकल बहने वाली नदी – सोन के साथ शानदार प्राकृतिक संसाधनों के लिए जाना जाता है।
- संजय गाँधी राष्ट्रीय उद्यान यहाँ हैं ।
सिंगरौली जिला
- कोयला राजस्व सर्वाधिक सिंगरौली से प्राप्त होता है।
- यहाँ पर विंध्याचल ताप विद्युत केन्द्र बैढ़न की 2260 मेगावाट की उत्पादन क्षमता है
- सीधी जिले के कुछ हिस्से को अलग करके सिंगरौली जिले का 2008 में निर्माण किया गया है।
- इसमें तीन तहसील हे सिंगरौली, देवसर और चितरंगी शामिल है।
- इसी तरह तीन विकासखण्ड चितरंगी, बैढ़न और देवसर शामिल हैं।
- नवीन जिले के हिस्से में तीन विधानसभा क्षेत्र आएगें। जिनमें नये परिसीमन के अनुसार सिंगरौली (सामान्य) देवसर (अजा) और चितरंगी (अजजा) शामिल हैं।
डिण्डोरी जिला
- इसे मण्डला से 1998 में पृथक कर जिला बनाया गया था।
- प्रदेश में सबसे कम जनसंख्या घनत्व 78 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. वाला जिला है।
- लिंगानुपात में तीसरा स्थान है। यहाँ पर बैगा एवं गोंड जनजाति पाई जाती है।
अनूपपुर जिला
- भौगोलिक दृष्टि से यह जिला पर्वत श्रेणियों एवं नदियों से आक्षादित है। जिसे तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है। 1. पर्वत श्रेणियों का भाग 2. मध्यवर्तीय पठारी भाग 3. नदियों का भाग ।
- जिले में पावन सलिल नर्मदा एवं सोन का उदगम स्थल अमरकंटक इसी जिले में है। जुहिला केवई एवं तिपान प्रमुख नदियां एवं इसके अतिरिक्त कई सहायक नदियां जिले को हरा-भरा बनाये हुये है।
- जिले में मैकाल पर्वत की श्रेणियां दक्षिण से पूर्व तक फैली हुई हैं।
- 15 अगस्त 2003 को जिला बनया। तहसीलें अनुपपुर, पुष्पराजगढ़, कोतमा, जैतहारी । अमरकंटक को पवित्र नगर घोषित किया गया है। यहाँ से तीन नदियाँ नर्मदा, सोन, जोहिला का उद्गम होता है।
- पर्यटन स्थान माई की बगियाँ, माई का हाथी, सोनमुडा, नवग्रह मंदिर, कबीर चौरा, जलेश्वर महादेव मंदिर है, आदिनाथ मंदिर, देखने योग्य है।
- चचाई थर्मल पावर स्टेशन है।
- बॉक्साइट खनिज अमरकंटक से निकाला जाता है।
- जैन धर्म का महाकुम्भ अमरकंटक में आयोजित किया गया था। यहाँ पर आदिनाथ जैन तीर्थंकर की सबसे बड़ी अष्टधातु की प्रतिमा लगाई गई है।
- इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में है ।
उमरिया जिला
- 1998 में शहडोल से अलग कर जिला बना।
- जिले में व्यापक जंगल हैं। कुल क्षेत्रफल का लगभग 42% भाग केवल वनों से आच्छादित है।
- जिला खनिजों से समृद्ध है। जिले में पाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण खनिज कोयला है और परिणामस्वरूप जिले में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड द्वारा 8 खदानें संचालित की जा रही हैं।
- जिले में प्रसिद्ध बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान (ताला) और संजय गांधी थर्मल पावर स्टेशन मंगथर (पाली) स्थित हैं।
- लाख से चमड़ा बनाने का सरकारी कारखाना है।
- बाधवगढ़ का किला बघेल वंश क शासक विक्रमादित्य ने 14 वीं शताब्दी में बनवाया ।
- यहाँ शेषशाही तालाब और विष्णु मंदिर है।
जबलपुर संभाग
- जबलपुर संभाग में निम्नलिखित जिले आते हैं – जबलपुर, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, बालाघाट, मण्डला, छिंदवाड़ा। क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा संभाग जबलपुर है।
- भारतीय वन अनुसंधान संस्थान एवं ट्रेनिंग सेन्टर का क्षेत्रीय कार्यालय है।
- यहाँ पर तीन विश्वविद्यालय, रानीदुर्गावती, जवाहरलाल नेहरू, महर्षि वैदिक विश्वविद्यालय है।
- यहाँ पर देश का पहला रत्न परिष्करण केन्द्र है।
- महात्मा गाँधी सामुदायिक विकास प्रशिक्षण केन्द्र है ।
- हैवी व्हीकल कारखाना, गन केरैज एवं आर्डिनेन्स फैक्ट्री है।
- म. प्र. का मानक समय जबलपुर से लिया जाता है।
- देश का प्रथम पुनर्वास विकलांग केन्द्र है।
- यहाँ एन. सी.सी. प्रशिक्षण कॉलेज (महिला) स्थापित किया गया है।
- म.प्र. उच्च न्यायालय का मुख्यालय ।
- पर्यटन – मदनमहल, चौसठ योगिनी का मंदिर, भेड़ाघाट, पिसनहारी की मढ़िया, जैनतीर्थ स्थल।
- जनसंख्या की दृष्टि से (24,60,714) दूसरा बड़ा जिला है।
- त्रिपुरी ऐतिहासिक नगरी है जो कल्चुरियों की राजधानी रही।
- रूपनाथ में अशोक का अभिलेख मिला है।
कटनी जिला
- जबलपुर से पृथक कर सन् 1998 में बनया गया जिला है।
- इसे चूना नगरी कहते है ।
- यहाँ ए.सी. सी. सीमेन्ट फैक्ट्री कैमूर में है।
- किन्नर महापौर ( कमला जान ) यहीं से थीं ।
सिवनी जिला
- इसे म.प्र. का लखनऊ भी कहा जाता है।
- यहाँ भेरोथान का मेला लगता है।
- यहाँ से एन. एच. 7 गुजरता है।
- भीमगढ़ बाँध यहीं पर है, कालीमूँछ का चावल एवं मावा वाटी के लिए प्रसिद्ध है।
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान में मोगलीलैण्ड बनाया जा रहा है
बालाघाट जिला
- थान उत्पादक शीर्ष जिला है।
- नक्सली प्रभावित जिला है ।
- मैग्नीज का उत्पादन होता है।
- मलाजखण्ड तहसील से ताँबा निकलता हैं ।
- यहाँ बैंगा जनजाति पाई जाती है।
- एशिया की सबसे बड़ी भूमिगत मैग्नीज खान भरवेली खान यही पर है।
- यहाँ सर्वाधिक बाँस पाया जाता है
- यहाँ वन महाविद्यालय स्थित है।
- यह प्रदेश का सर्वाधिक लिंगानुपात वाला जिला है | ( 1000 1021)
- बालाघाट को मैंगनीज की नगरी कहा जाता है
- गांगुल पारा जलप्रपात इसी जिले में है ।
मण्डला जिला
- कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान है।
- मोतीमहल, बघेलिन महल है।
- बगाचक क्षेत्र यही पर है।
नरसिंहपुर जिला
- सोयाबीन उत्पादन जिला है।
- बरमान का मेला गाडरवारा में लगता है। I
- नरसिंहपुर का किला बरमान घाट व डमरू घाटी दर्शनीय है।
छिंदवाड़ा जिला
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला है।
- पातालकोट की भारिया जनजाति यहीं पाई जाती है।
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान का कुछ भाग जिले में भी है।
- हिन्दुस्तान लीवर लि. का कारखाना यहाँ है।
- पांढूरना में गोटमार प्रथा प्रचलित है।
- आदिवासी कला संग्रहालय छिंदवाड़ा में स्थापित किया गया है।
- कोरकू जनजाति पाई जाती है।
- एग्रो काम्पलेक्स छिंदवाड़ा में है।
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान में मोगलीलैण्ड बनाया जा रहा है ।
- कोयला, तांबा, मैग्नीज उत्पादन
चंबल संभाग
भिण्ड, मुरैना, श्योपुर (क्षेत्रफल में सबसे छोटा संभाग)
भिण्ड जिला
- बागियों का गढ़ कहा जाता है
- म.प्र. का सबसे कम वर्षा वाला स्थान है।
- अनुसूचित जनजाति के लोग सबसे कम हैं।
- सबसे कम लिगांनुपात में है। ( 1000 837)
- प्रदेश का दूसरा सूखा बंदरगाह मालनपुर भिण्ड में है।
- सरसों उत्पादित जिला है।
- जमथारा का रेणूका माता मंदिर यहीं पर है।
- आसत वर्षा 55 समा. होता है।
मुरैना जिला
- सिहोनिया में ककनमठ मंदिर ।
- कम लिंगानुपात में दूसरा स्थान है ( 1000 : 840)
- यहाँ की गजक प्रसिद्ध है।
- सरसों उत्पादक जिला है।
- चंबल नदी के किनारे है। चंबल घड़ियाल परियोजना के साथ यहाँ डाल्फिन का संरक्षण भी किया जा रहा है।
- बीहड़ की समस्या इस जिले में भी है।
- पडावली व मितावली ऐतिहासिक स्थल है।
- औद्योगिक विकास केन्द्र बानमौर में है।
श्योपुर जिला
- कुपोषित जिला ।
- सन् 1998 में मुरैना से पृथक कर जिला बनाया गया है
- इसमें श्योपुर, विजयपुर, कराहल तहसीलें है।
- पालपुर कूनो अभ्यारण में एशियाटिक बब्बर शेरों का संरक्षण किया जायेगा ।
- चंबल नहर से सिंचित जिला ।
- सरसों उत्पादित जिला
सागर संभाग
- सागर, पन्ना, दमोह, छतरपुर & टीकमगढ़
- यहाँ प्रदेश का सबसे पुराना विश्वविद्यालय हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय 1946 में स्थापित ।
- जवाहरलाल नेहरू राज्य पुलिस अकादमी है।
- वनस्पति विज्ञान का सबसे बड़ा गार्डन (प्रदेश का ) विश्वविद्यालय में है।
- सागर में थामोनी का उर्स लगता है।
- प्रदेश का सबसे बड़ा अभयारणय नौरादेही अभ्यारण है।
- बीना तहसील के आगासाद मे Oman के Jointventure से रिफाइनरी लगाई जा रही है | ( BORL)
- स्टील कॉम्पलेक्स सागर में है।
- महार रेजीमेन्ट का मुख्यालय सागर है।
- फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री सागर ।
- एरण (सागर) में सती प्रथा का अभिलेख है ।
- राहतगढ़ का किला दर्शनीय है।
छतरपुर जिला
- चंदेल शासकों की राजधानी होने के कारण छतरपुर को जेजाक भुक्ति कहा जाता था।
- मध्यप्रदेश से प्रथम यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल खजुराहो मंदिर छतरपुर जिले में है।
- आदिवासी कला संग्रहालय खजुराहों में है। खजुराहों नृत्य समारोह प्रतिवर्ष होता है।
- छतरपुर में जल बिहारी का मेला ।
- थुबेला संग्रहालय नौगॉव ।
- जटकरा में पुरातात्विक स्थल ।
- पर्यटन में खजुराहो, धुबेला संग्रहालय, पाण्डव प्रपात, रंभग झील, बेनीसागर डैम है।
- हीरे का भंडार ज्ञात हुए हैं।
- केन-बेतवा लिंक परियोजना गठजोड़ के तहत दोधन बॉथ निर्माणाधीन है।
टीकमगढ़ जिला
- म.प्र. की प्रथम महिला मुख्यमंत्री इस जिले से है।
- हरदौल की मनौती यही माँगी जाती है।
- बेतवा के किनारे बुदेंला वंश की राजधानी ओरछा में शहीद स्मारक, रामलला का मंदिर दर्शनीय है।
दमोह जिला
- प्रदेश के सर्वाधिक बाल श्रमिक है।
- पीतल के सामान हेतु प्रसिद्ध है।
- कुन्डलपुर में जैनियों का तीर्थस्थल है
- दमोह जिले के बादकपुर में शिव मंदिर प्रसिद्ध है। डायमंड सीमेन्ट का कारखाना है ।
- बातीगढ़ का किला पर्शियन (फारसी) वास्तुकला का सर्वोत्तम उदाहरण है।
- चंदेलों की राजधानी नोहटा यहीं है।
पन्ना जिला
- जून 2009 से NMDC ( National Mineral Dev. Corporation) ने हीरा खनन पुनः शुरु किया। प्रतिवर्ष 80 हजार कैरेट उत्पादन |
- पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश की सबसे बड़ी तहसील है।
- अजयगढ़ का किला प्रसिद्ध है।
- हीरा उत्खनन के लिये पन्ना विश्व प्रसिद्ध है।
- पन्ना में ट्री हाउस व पांडव प्रपात है।
- पन्ना प्रोजेक्ट टाइगर से बाघों की समाप्ति से पन्ना चर्चित रहा।
होशंगाबाद संभाग ( नर्मदापुरम )
- होशंगाबाद, हरदा, बैतूल होशंगाबाद जिला
- स्टील प्लांट डोलरिया में प्रस्तावित है।
- नवपाषाणकालीन स्थल आजमगढ़ में है।
- प्रति हेक्टेयर गेहूँ उत्पादन में देश का शीर्ष जिला है।
- सिविल न्यायालय ऑन लाइन होने वाला पहला जिला है।
- नर्मदा नदी के तट पर स्थित जिसे होशंगशाह ने बसाया था।
- मध्यप्रदेश की सबसे ऊँची चोटी धूपगढ़ इसी जिले में पचमढ़ी में है। प्रदेश में सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान पचमढ़ी ही है।
- म.प्र. का पहला जैव रिजर्व मण्डल पचमढ़ी में है।
- आर्मी एजुकेशन कोर पचमढ़ी में स्थित है।
- सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में टाइगर प्रोजेक्ट प्रारंभ किया गया है।
- इटारसी में आयुध डिपा है।
- सिक्युरिटी पेपर मिल होशंगाबाद में है।
- म.प्र. का सबसे बड़ा कृषि फार्म बाबई में है ।
- बाबई ही माखनलाल चतुर्वेदी की जन्म स्थली है।
- जनसंख्या की दृष्टि से नर्मदापुरम (होशंगाबाद)
- सबसे छोटा संभाग है
- सबसे लंबा नदी पुल (सड़क) तवा नदी पर है।
- पर्यटन – पचमढ़ी, सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, तवा जलाशय, सेठानी घाट, सनसेट प्वाइंट, पांडव गुफाएँ ।
हरदा जिला
- हरदा, खिरकिया, टिमरनी तहसील को मिलाकर 1998 में जिला बनाया गया।
- हण्डिया ऐतिहासिक स्थल है।
- जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा सबसे छोटा जिला है | ( जनसंख्या 5.70 लाख)
- कान्हा बाबा का मेला शोडलपुर में लगता है।
- हरदा में बोरी अभ्यारण है।
- सर्वाधिक औसत जोत वाला जिला ।
बैतूल जिला
- कोरकू जनजाति में सडोली प्रथा व चटकोरा नृत्य प्रसिद्ध हैं।
- ‘मुक्तागिरी जैन तीर्थ स्थल है।
- यहाँ जैन धर्म के 56 मंदिर है।
- सारणी ताप विद्युत केन्द्र बैतूल में है।
- आमला में वायुसेना की सैनिक छावनी है।
- भारत का मध्य बिन्दु बैतूल में है ।
- ताप्ती नदी का उद्गम स्थल मुल्ताई में है।
- कालीभीत अभ्यारण में भालुओं का संरक्षण किया जा रहा है।
- कोरकू जनजाति पाई जाती है।
- ग्रेफाइट खनिज पाया जाता है।
- सेमवर्मा द्वारा बालाजी का मंदिर बनवाया गया है।
ग्वालियर संभाग
- ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया ग्वालियर जिला
- राजा मानसिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना 2008 में की गयी।
- प्रदेश का सबसे बड़ा व्यापारिक मेला लगता है।
- एन.सी.सी. का महिला प्रशिक्षण कॉलेज है।
- भांडेर में गैस आधारित प्रथम विद्युत संयंत्र है।
- म.प्र. का राजस्व मुख्यालय ग्वालियर में हैं।
- महालेखाकार का कार्यालय यहीं पर है।
- सी.आर.पी.एफ. की ट्रेनिंग सेन्टर है।
- घाटीगाँव अभ्यारण है। इसमें सोन चिरैया का संरक्षण किया जा रहा है।
- ग्वालियर में सूचना तकनीकी विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है।
- महारानी लक्ष्मीबाई शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय है
- संगीत सम्राट तानसेन का मकबरा है।
- यहीं पर तानसेन समारोह का आयोजन होता है।
- सरोद घर के नाम से स्थापित संग्रहालय यहीं पर है।
- ग्वालियर का किला किलों का रत्न या जिब्राल्टर कहलाता है। (निर्माता राजा सूरज सेन )
- पर्यटन : ग्वालियर का किला, मानमंदिर, बाड़ा, मोतीमहल, जयविलास पैलेस, रूपसिंह स्टेडियम, गौस मुहम्मद का मकबरा, लक्ष्मीबाई की समाधि, गूजरी महल, तानसेन का मकबरा, गोपाचल पर्वत, दिगम्बर जैन मूर्तियाँ, तेली का मंदिर, सास-बहू मन्दिर दर्शनीय है।
शिवपुरी जिला
- शिवपुरा का म. प्र. का पहला पर्यटन शहर घोषित किया गया है। तात्या टोपे की समाधि है।
- शिवपुरी में नरवर का किला है। ( नल-दमयंती की प्रणय गाथा)
- सांख्यराजे सिंथिया की समाधि व माधव राष्ट्रीय उद्यान के अन्दर जार्ज कैसल भवन है ।
- करैरा अभ्यारण मे सोन चिरैया का संरक्षण किया जा रहा है।
- पीर बुधान का मेला लगता है।
गुना जिला
- विजयनगर में एन. एफ. एल. (NFL) तथा जी.ए. आई.एल. (GAIL) है।
- भू-उपग्रह दूरसंचार अन्वेषण केन्द्र है।
- हजीरा – विजयपुर-जगदीशपुर (HVJ) पाइप लाइन यहाँ से निकलती है।
- नेशनल फर्टिलाईजस विजयपुर यहीं पर है।
- यहाँ पर तेजाजी का मेला लगता है।
अशोकनगर जिला
- चंदेरी में बैजू बावरा की समाधि है।
- 15 अगस्त 2003 को गुना से अलग करके बनाया गया।
- अशोकनगर, ईसागढ़, चंदेरी व मुंगावली तहसीलें इस जिले में।
- मुंगावली में खुली जेल है।
- आनंदपुर आश्रम (सिख समुदाय) यहीं पर है।
- चंदेरी का किला दर्शनीय है।
- चंदेरी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है।
दतिया जिला
- प्रदेश का सर्वाधिक सिंचित जिला है | ( 60 प्रतिशत)
- गुर्जरा से अशोक के अभिलेख प्राप्त हुए हैं। जहाँ अशोक का नाम अशोक मिलता है।
- यहाँ पर पीताम्बरा पीठ है
- इसका नाम दिलीप नगर था ।
- का तीर्थस्थल सोनागिरी यहां है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा जिला है।
- यहाँ के किले में लिखा है, कि न्याय मुकुट का हीरा है।
उज्जैन संभाग
- उज्जैन, देवास, रतलाम, मंदसौर, नीमच, शाजापुर और आगर
- 600 ई.पू. में भारत के 16 महाजनपदों में शामिल अवंती की राजधानी उज्जैनी थी।
- कुल जनसंख्या दृष्टि से सर्वाधिक अनुसूचित जाति इसी जिले में है।
- उज्जैन को मंदिर – मूर्तियों का नगर कहा जाता है।
- प्राचीन नाम अवन्तिका है।
- प्रत्येक 12 वर्ष पश्चात उज्जैन में सिंहस्थ कुम्भ का मेला लगता है।
इस नगर को राजा विक्रमादित्य ने अपनी राजधानी बनाया था - उज्जैन को महाकाल की नगरी भी कहते हैं ।
- नागदा में कृत्रिम रेशे बनाने का कारखाना है।
- यहाँ पर एशिया का सबसे बड़ा सोयाबीन संयंत्र स्थापित है।
- कायथा, जनाएरवास एवं नागदा पुरातात्विक स्थल यहीं पर हैं।
- कॉटन सीड्स सॉलवेन्ट एक्सट्रेक्ट प्लान्ट है
- पर्यटन – भृर्तहरि की गुफाएँ, महाकाल मंदिर, महर्षि संदीपनी आश्रम, बड़े गणेश, काल भैरव मंदिर, कालियादह महल, साक्षी गोपाल मंदिर, जंतर-मंतर, चंपा की बावड़ी, हर सिद्धि मंदिर, मंगलनाथ मंदिर, वेश्य टेकरी स्तूप है। मंगल ग्रह की जन्मभूमि ।
नीमच जिला
- 1857 का स्वतंत्रता संग्राम मध्यप्रदेश में 3 जून को नीमच से प्रारंभ हुआ। नीमच जावद, मनासा, तहसीलों का मिलाकर 1998 में जिला बनाया गया।
- अफीम उत्पादक जिला है।
- सी.आर.पी.एफ.का ट्रेनिंग सेंटर है।
- एल्कलॉइड फैक्ट्री है।
- शहाबुद्दीन औलिया का उर्स लगता है।
- झाँतला ग्राम में पहला ग्राम न्यायालय स्थापित किया गया था (राज्य ग्राम न्यायालय) |
मंदसौर जिला
- यशोवर्मन का मंदसौर अभिलेख प्रसिद्ध है।
- मंदसौर का प्राचीन नाम दशपुर है।
- ‘पशुपति नाथ का मंदिर है।
- स्लेट पेंसिल बनाने का कारखाना है ।
- यह शहर शिवना नदी के किनारे है।
- इन्द्रगढ़ में पुरातात्विक स्थल है।
- म.प्र. के गठन के समय भानपुरा तहसील के सुनेलटप्पा गाँव को राजस्थान को दे दिया था।
- गाँधी सागर बांध चंबल नदी पर है।
- गाँधी सागर अभ्यारण्य है।
देवास जिला
- आई. एस. ओ. प्रमाणन पाने वाला पहला थाना देवास है।
- नोट छापने का कारखाना (5 रूपए से अधिक कीमत के नोट छपते है | )
- मंगालिया में गैस बॉटलिंग प्लाण्ट ।
- आयसर की फैक्ट्री।(आयसर गाड़ी बनाने)
- लैदर काम्पलेक्स |
- ‘एस. कुमार शूटिंग।
- टाटा का असेम्बली सेंटर ।
- चामुण्डा देवी का मंदिर।
- जमागोदरानी में पवन ऊर्जा संयंत्र है।
रतलाम जिला
- अफीम उत्पादक जिला है ।
- इसे Sev की नगरी कहा जाता है।
- सैलखड़ी उद्योग है।
- जावरा में शुगर मिल है।
- सैलाना फ्लोरिकन अभ्यारण में खरमौर पक्षी का संरक्षण किया जाता है।
शाजापुर जिला
- मोमन बड़ोदिया में मेला लगता है।
- ‘मुल्ला शमशुद्दीन का मकबरा है।
- मक्सी में डाबर का प्लाण्ट है।
- म. प्र. सरकार ने शाजापुर जिले को दो भाग में बांटकर ‘आगर’ को नया जिला 15 अगस्त 2013 को बनाया है। यह प्रदेश का 51वां जिला है।
- जानकारी के मुताबिक सुसनेर, नलखेड़ा, बड़ौद व आगर तहसील को समाहित करते हुए नया जिला ‘आगर’ का निर्माण हुआ है।
- ‘आगर’ जिला, शाजापुर, उज्जैन, रतलाम का पड़ोसी जिला है तथा इसकी उत्तरी सीमा राजस्थान की सरहद को छूती है।
- कुल 2785 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले इस जिले की जनसंख्या 4 लाख 80 हजार है। जिले का मुख्यालय आगर होगा। यह सबसे कम जनसंख्या वाला जिला है।
इंदौर संभाग
- इंदौर, थार, झाबुआ, खरगौन, खण्डवा, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर
- इंदौर जिला आई.आई.टी. (IIT) Indian Institute of Technology और आई.आई.एम. (IIM) कॉलेज वाला एक मात्र शहर
- म.प्र. की औद्योगिक राजधानी है।
- म.प्र. वित्त निगम एवं म.प्र. शेयर मार्केट यहीं पर है ।
- पुलिस शस्त्र प्रशिक्षण केन्द्र है। प्रदेश की मोसम वधशाला व म.प्र. लोक सेवा आयोग का कार्यालय है।
- चंबल नदी का उद्गम महू एवं क्षिप्रा नदी का उद्गम काकरीबाड़ी से होता है।
- डॉ. अम्बेडकर (सोशल इंस्टीट्यूट) सामाजिक विज्ञान संस्थान महू में है।
- इंदौर एयरपोर्ट (देवी अहिल्याबाई हवाई अड्डा ) को अंतर्राष्ट्रीय दर्जा दिया जा रहा है।
- उच्च प्रौद्योगिकी संस्थान व लेजर किरण परमाणु ऊर्जा संस्थान यहीं है 1
- जेम्स एवं ज्वैलरी पार्क है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स काम्पलक्स है।
- देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय यहीं पर हैं।
खण्डवा जिला
- अभिनेता किशोर कुमार की समाधि व माखनलाल चतुर्वेदी तथा सुभद्राकुमारी चौहान की कर्मस्थली है।
- गाँजा उत्पादक जिला है।
- हरसूद गाँव जो इंदिरा सागर परियोजना के डूब क्षेत्र में आ गया है।
- पुनासा ग्राम में इंदिरा सागर परियोजना स्थापित है। सिंगाजी की समाधि है।
- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, यहीं पर है।
- छनेरा ग्राम (नया हरसूद) इसी जिले में हैं।
बड़वानी जिला
- 72 फीट ऊँची आदिनाथ की जैनमूर्ति है।
- चावल अनुसंधान केन्द्र बड़वानी में है ।
- 1998 में जिला बनाया गया।
- इसमें बड़वानी, ठीकरी, राजपुर, पानसेमल, सेंथवा, निवली तहसीलें हैं।
बुरहानपुर जिला
- तहसीलें हैं – बुरहानपुर, खकनार एवं नेपानगर ।
- नेपानगर में नेशनल न्यूजप्रिंट कारखाना व चाँदनी ताप विद्युत केन्द्र है।
- प्रदेश का पहला यूनानी चिकित्सा महाविद्यालय है। असारगढ़ का किला का अकबर ने 1601 में जाता था।
धार जिला
- ज्ञानदूत परियोजना की शुरुआत यहीं से हुई ।
- यह परमार वंश की राजधानी थी।
- सरदारपुर अभ्यारण में खरमौर पक्षी का संरक्षण किया जाता है।
- मांडू को सिटी ऑफ ज्वॉय व पीथमपुर को म. प्र. का डेट्रायट कहा जाता है।
- राजा भोज निर्मित भोजशाला ( सरस्वती का मंदिर) यहीं पर है।
- पीथमपुर में निर्यात संवर्धन पार्क है।
- थार का किला, मांडू का महल, हुशंगशाह का मकबरा(पहली बार संगमरमर का प्रयोग ) एवं बाघ की गुफाएँ दर्शनीय है।
खरगौन (पश्चिमी निमाड़ ) जिला
- महेश्वर मंडलेश्वर ऐतिहासिक हैं व कसरावद स्तूप प्रसिद्ध है।
- अहिल्याबाई होल्कर की राजधानी महेश्वर थी ।
- नर्मदा नदी पर सबसे बड़ा घाट महेश्वर में है।
- रंगीन कपास का उत्पादन होता है।
- सिंगाजी का मेला लगता है।
- सी.आई.एस.एफ. का ट्रेनिंग सेन्टर है। (बड़वाहा)
झाबुआ जिला
- सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति वाला जिला है।
- भील जनजाति पाई जाती है।
- मेघनगर औद्योगिक केन्द्र है।
- आदिवासी शोध संचार केन्द्र है।
- भगोरिया हाट का मेला भरता है।
- मक्का का उत्पादन होता है।
- रेल रिपेयर फैक्ट्री प्रस्तावित ।
अलीराजपुर जिला
- 17 मई 2008 का झाबुआ से बना नया जिला |
- तहसील – अलीराजपुर, जोबट, और भाबरा
- विकासखण्ड (छह ) – अलीराजपुर, जोबट, भाबरा, उदयगढ़, कट्ठीवाड़ा और सौंडवा
- फसलें – मक्का, उड़द, सोयाबीन, कपास, चना, गेहूँ, मूँगफली आदि।
- वनोपज – आम, महुआ, ताड़ी, सीताफल
- खनिज – डोलोमाइट, रेत ।
- सबसे कम साक्षरता वाला जिला ।
भोपाल संभाग
- भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, भोपाल जिला राजगढ़
- राजा भोज द्वारा बसाया गया भोजपाल वर्तमान भोपाल है।
- 26 जनवरी 1972 को भोपाल को जिला बनाया गया।
- पहले यह सीहोर की तहसील थी
- प्रदेश का सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व 854 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी भोपाल में है । प्रतिशत की दृष्टि से सर्वाधिक नगरीय जनसंख्या है। (80.53% ) इसरो का उपग्रह नियंत्रण केन्द्र यहीं है।
- सर्वाधिक विश्वविद्यालय वाला जिला है।
- बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में है । माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय है। राजा भोज Open Univeserty भोपाल में है । राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल में है । राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय भोपाल में है । अटल बिहारी हिन्दी विश्वविद्यालय है ।
- एम. ए. एन.आई.टी. ( MANIT : मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी)
- सरोजनी नायडू महाविद्यालय भोपाल में है
- भारतीय वन प्रबंध संस्थान देश एवं एशिया का पहला संस्थान है। (I.I.F.M.)
- क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला भोपाल में है
- भारतीय होटल प्रबंध संस्थान (IHM)
- R.C.P.V. (आर. सी. पी. वी. ) नरोन्हा प्रशासनिक अकादमी।
- कृषि एवं प्रशिक्षण प्रयोगशाला नबीबाग भोपाल
- उन्नत सांड प्रजनन केन्द्र, भदभदा भोपाल में है ।
- इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में है इसकी स्थापना 1985 में की गई ।
- भारत भवन सांस्कृतिक केन्द्र
- इंदिरा गाँधी विधानभवन
- पंडित कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय विधि एवं विधायी
- प्रशिक्षण संस्थान भोपाल ।
- टेक्नीकल टीचर्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भोपाल ।
- जेल अनुसंधान एवं प्रशिक्षण शाला भोपाल
- क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र |
- Police Dog Training केन्द्र भोपाल |
- पुलिस यातायात प्रशिक्षण केन्द्र भोपाल ।
- दुष्यंत कुमार पाण्डुलिपि ।
- प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय ।
- बिड़ला म्यूजियम भोपाल ।
- माधवराव सप्रे पत्रकारिता संग्रहालय |
- राज्य संग्रहालय भोपाल
- दूर संचार संग्रहालय भोपाल
- पर्यटन – नवाब हसन सिद्दकी का मकबरा । वन विहार राष्ट्रीय उद्यान । गौहर महल एवं ताजमहल सबसे बड़ी मस्जिद ताजुल मस्जिद तथा सबसे छोटी मस्जित (ढाई सीढ़ी की मस्जिद ) आकार गुड़िया घर, इस्लाम नगर का किला । कमला पार्क & मछलीघर । निम्नलिखित के वास्तुकार चार्ल्स कोरिया हैं। भारत भवन इंदिरा गाँधी विधान भवन पर्यावास भवन, IIFM का भवन
- गाँधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल
- उद्योग – बी.एच.ई.एल. (ब्रिटेन के सहयोग से) BHEL
- मैदा मिल & • रेल्वे कोच फैक्ट्री निशातपुरा ।
सीहोर जिला
- सलकनपुर मेला विख्यात है ।
- लघु वनोपज संघ के द्वारा यहाँ जटबूटियाँ व आँवले से विभिन्न उत्पाद ( त्रिफला ) तैयार किये जाते है
- आष्टा तहसील से पार्वती नदी निकलती है।
- पान गुडारिया बुथनी से अशोक के अभिलेख प्राप्त हुए ।
- बुधनी में रेलवे स्लीपर बनाये जाते हैं।
- भोपाल शुगर मिल्स सीहोर में है।
- देश का पहला आवासीय खेल विद्यालय स्थापित किया गया।
- कोलार नदी का उद्गम व कोलार जलाशय परियोजना है।
- ट्रेक्टर प्रशिक्षण एवं ट्रेनिंग सेन्टर बुधनी में है।
विदिशा जिला
- विदिशा का प्राचीन नाम भिलसा (भेलसा), महामालिस्तान या बेसनगर था ।
- उद्यगिरी की गुफाएँ गुप्तकालीन हैं। यहाँ वीरसेनसाव का अभिलेख है।
- भागवत धर्म से संबंधित हेलियोडोरस का गरुड़ स्तंभ बेसनगर में है। राजस्थान से प्राप्त सिराज तहसील यहां साम्मालत है।
- सम्राट अशोक सागर परियोजना हलाली बाँध है।
- चना उत्पादक जिला
- सम्राट अशोक की पत्नी महादेवी यहीं की थी।
- उदयपुर का नीलकंठेश्वर मंदिर ( बासौदा ) परमार वंश कालीन है।
- ग्यानसपुर का मालादेवी मंदिर उदयगिरि की वराह अवतार प्रतिमा विख्यात है।
- जैन तीर्थंकर शीतलनाथ की जन्मस्थली विदिशा है
- उद्योग – वनस्पति घी उद्योग , मेटल वर्क्स , प्लास्टिक पाइप उद्योग, जी. आई. कटीले तार
रायसेन जिला
- ‘रातापानी अभ्यारण प्रोजेक्ट टाइगर हेतु प्रस्तावित है।
- मृगेन्द्रनाथ गुफा पाटनी प्रागैतिहासिक है।
- बनगवां में प्रागैतिहासिक शैल चित्र हैं ।
- मण्डीदीप औद्योगिक केन्द्र है।
- साँची में बौद्ध स्तूप है। साँची को बौद्ध जगत की
- पवित्र नगरी कहा जाता है।
- साँची को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित किया गया है।
- विश्व का सबसे बड़ा शैलाश्रय समूह भीमबैठका ओब्दुलागंज में है। इसे यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित किया जा चुका है। भीमबैठका से आदि- मानव के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं ।
- विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग भोजपुर में है।
- भोजपुर में मकर संक्रांति, शिवरात्रि, बसंत पंचमी पर मेला लगता है। रायसेन जिले के कुचवाड़ा ग्राम में आचार्य रजनीश (ओशो) का जन्म हुआ ।
- रायसेन का किला, रातापानी अभ्यारण, फरीदउल्ला की दरगाह ।
- हिन्दुस्तान इलेक्ट्रो ग्रेफाइट, ग्रेफाइट की एशिया में सबसे बड़ी फैक्ट्री है।
राजगढ़ जिला
- ब्यावरा में राष्ट्रीय राजमार्गों का चौराहा है।
- नरसिंहगढ़ अभ्यारण है।
- नरसिंहगढ़ का किला एवं गिन्नौरगढ़ किले के तोते प्रसिद्ध हैं।
- राजगढ़ देश का पहला ऐसा जिला है जिसने पृथक मानव विकास प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है।
Conclusion
मध्य प्रदेश में कुल 10 संभाग हैं एवं कुल 52 जिले तथा 341 तहसील हैं.
मप्र में कुल 313 जन पंचायत, 51 जिला पंचायत, 248 नगर पंचायत और 2304 ग्राम पंचायत हैं. मध्यप्रदेश में 3 जिले प्रस्तावित हैं