ऊर्जा मंत्रालय कार्बन क्रेडिट बाज़ार तैयार कर रहा है

ऊर्जा मंत्रालय देश को अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) को पूरा करने में मदद के लिये कार्बन क्रेडिट बाज़ार स्थापित करने हेतु कदम उठा रहा है।

कार्बन क्रेडिट

वातावरण में ग्रीनहाउस उत्सर्जन में कमी लाने के लिए दिया जाने वाला एक क्रेडिट है, जिसका उपयोग सरकारों, उद्योग या व्यक्तियों द्वारा उत्सर्जन के लिये क्षतिपूर्ति के रुप में किया जा सकता है। कार्बन क्रेडिट “कैप-एंड-ट्रेड” मॉडल पर आधारित हैं जिसका उपयोग 1990 के दशक में सल्फर प्रदूषण को कम करने के लिये किया गया था।
एक कार्बन क्रेडिट, एक मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर है
इसके द्वारा आसानी से उत्सर्जन को कम नहीं कर पाने वाले उद्योग वित्तीय लागत वहन कर अपना संचालन कर सकते हैं।

नवंबर 2021 में ग्लासगो में COP26 जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन के दौरान विशेज्ञों ने वैश्विक कार्बन क्रेडिट ऑफसेट ट्रेडिंग मार्केट बनाने पर अपनी सहमति दी है

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